20 दिसंबर, 2010

बिश्नोई उत्थान की ओर या पतन की ओर

मरुभुमि मेँ निवास करने वाली बिश्नोई जाति को पशु-पक्षी तथा प्रक्रति प्रेमी माना जाता हैँ।इस जाति के लोगो की वेषभूशा तथा रहन-सहन उत्तम दर्जे की होती हैँ। ये लोग अपने गुरु महाराज के बताये 29 धर्मो का पालन करते है तथा एक आदर्श समाज की तरह जीवन व्यतीत करते हैँ। लेकिन आज जैसे-जैसे समय ने करवट बदली तो यह समाज अपने अस्तित्व के लिये सँघर्ष कर रहा हैँ। इस समाज के आदर्शो मे बदलाव आ रहा है, लोग जाँभौजी द्वारा बताये नियमौँ को भूल रहे हैँ।आज का युवा वर्ग अपने को फेँशन मे फँसाए बैठा है ,उन्हे गुरु महाराज द्वारा बताये 29 नियम तक पता नहि हैँ।इस युवा पीढी से समाज को बहुत आकाक्षाँए हैँ। अब हम सब को समाज की आकाक्षाँओ पर खरा उतरना हैँ तथा गुरु महाराज द्वारा बताये आदर्शो की पुन: स्थापना इस समाज मेँ करनी हैँ। जय जम्भेश्वर ramu bishnoi

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