03 फ़रवरी, 2011

शहीद की शर्मिन्दगी

गाँव भीँयासर के अमर सपूत गणपतराम पूनियाँ जम्मू मेँ देश के दुश्मनौ से लोहा लेते हुए 2010 मेँ शहीद हुए थे। शहीद का अन्तिम सँस्कार राजकिय सम्मान के साथ किया गया,इस अवसर पर समाज के गणमान्य लौग तथा पूरा गाँव उपस्थित था।उस वक्त गाँव के सरपँच जी ने कहा था कि शहीद की शहादत को अमर बनाने के लिये अँतिम सँस्कार स्थल पर एक भव्य प्रतिमा का निर्माण करवाया जायेगा।इस घटना को आज 7 महीने हो गये हैँ।लेकिन सरपँच साहब का यह वादा हकिकत रुप कब लेता है, कुछ भी कह पाना मुश्किल हैँ। उस शहीद को आज भी प्रतिमा का इँतजार हैँ।अगर यह प्रतिमा बन जाती है तो इसका एक फायदा मेरे गाँव को यह होगा कि यह एकदम माध्यमिक विध्यालय के सामने होगी जिससे इस विध्यालय के छात्र उस शहीद जैसा स्वपन अपने दिल मेँ बसा सकेँगेँ।
जय हिन्द ॰॰॰॰॰रामस्वरूप पूनियाँ

5 टिप्‍पणियां:

  1. नेतांउर प्रशासन कितने संवेदनहीन हो गये हैंकि शहीदों को ही उचित सम्मान नही दे सकते। नमन है इस शहीद को।

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  2. हमारी आत्मा मर चुकी है। हम मौका परस्त हो चुके है।

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  3. "7 महीने हो गये हैँ लेकिन सरपँच साहब का यह वादा हकिकत रुप कब लेता है ????"

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  4. आपको पढकर बहुत अच्‍छा लगा .. इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  5. शानदार पेशकश।

    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक)एवं
    राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    0141-2222225 (सायं 7 सम 8 बजे)
    098285-02666

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