11 फ़रवरी, 2011

"गरीब घर से निकला हूँ"

दोस्तोँ , मेँ एक किसान परिवार से निकला हूँ। मेरे माँ-बाप दोनो अनपढ हैँ।यँहा तक कि मेरे परिवार मेँ मैँ 10वीँ पास करने वाला प्रथम व्यक्ति हूँ। लेकिन मेने कभी इन बातोँ पर ध्यान नही दिया। मैने हमेशा ही कुछ नया करने की सोची।मुझे उस वक्त बङा दुख होता हैँ कि जब मेरा कोई दोस्त या कोई अन्य व्यक्ति किसी गरिब के स्वपन को यह कह कर नकार देते हैँ कि आप सफलता प्राप्त नही कर सकते या आप यह नोकरी प्राप्त नही कर सकतेँ। इस वक्त मेरा मन खुद से सवाल करता हैँ कि "क्या सफल होने के लिए धनवान होना जरुरी हैँ।" अगर पैसा ही सफलता का पैमाना हैँ तो भगवान ने इस 'नाचीज' गरीब को बनाया ही क्योँ। लेकिन मेरे दोस्त मैँ इस धारणा का तोङ निकालने का प्रयास कर रहा हूँ. और आशा करता हुँ कि तोङ पाऊँगा। मुझे सरकारी सेवा भले ही ना मिले लेकिन मैँ अपनी सेवा मेरे देश व समाज को तो दे सकता हुँ।
जय हिन्द॰॰॰॰॰
रामस्वरुप बिश्नोई "रामू"

5 टिप्‍पणियां:

  1. Very Good...I salute your enthusiasm and motivation. In future if you require any help I will be ready to help in my capacity.

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  2. ya it's true that circumstances plays vital role in shaping one's path... ha jo thaan liya ho vo to karna hi hai... yaha self-confidence hame kus karne ki energy deta hai... Ramswarup bhai yaar log to kus bhi kahte rhte hai... take it a challenge... KEEP YOUR SPIRIT UP !!!
    we are here to support ur ambition... go ahead and turn all the stone which comes in ur way !!!
    mine best wishes with u )))

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